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शिक्षक 20 जुलाई तक विरोध जताएंगे:अमर उजाला

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| डिजिटल हाजिरी

लखनऊ, प्रमुख संवाददाता। शिक्षकों के भारी विरोध के कारण पहले दिन ही परिषदीय प्राइमरी स्कूलों में ऑनलाइन हाजिरी व्यवस्था बेपटरी हो गई। डीजी स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया था कि वे आठ जुलाई से शिक्षकों के विद्यालय आने का समय डिजिटल उपस्थिति पंजिका में सुबह 7:45 बजे से आठ बजे तक दर्ज कराएं। बाद में एक अन्य निर्देश जारी कर अग्रिम

आदेश तक ऑनलाइन हाजिरी में 30 मिनट का अतिरिक्त समय दिए जाने की छूट दी गई। इस प्रकार से शिक्षक सुबह 8:30 बजे तक (कारण सहित उल्लिखित करते हुए) अपनी उपस्थित दर्ज करा सकेंगे। यह सूचना सभी शिक्षकों, शिक्षामित्रों और अनुदेशकों को विभागीय व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से भी भेज दी गई। उत्तर प्रदेश बीटीसी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव ने कहा कि सभी शिक्षक, शिक्षामित्र व अनुदेशक 20 जुलाई तक काली पट्टी बांधकर शिक्षण कार्य करते हुए अपना विरोध दर्ज कराएंगे। इसके बाद भी शासन की आंख नहीं खुलती हैं तो कार्य बहिष्कार का फैसला लिया जा सकता है।

यूटा के प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र सिंह राठौर ने कहा कि संगठन ऑनलाइन उपस्थिति के विरोध में हाईकोर्ट की शरण में जा रहा है। वहीं उत्तर प्रदेश जूनियर हाई स्कूल (पूर्व माध्यमिक) शिक्षक संघ के लखनऊ जिला अध्यक्ष डॉ. प्रभा कांत मिश्रा ने तो दावा किया

सरकार ने की ऑनलाइन हाजिरी पर सहयोग की अपील

बेसिक शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव एमके शनमुगा सुन्दरम ने कहा है कि हर कार्यालय में डिजिटल उपस्थिति एक बुनियादी आवश्यकता है। देश भर के कई राज्यों के स्कूलों में इसका पालन किया जा रहा है। 1.34 लाख स्कूलों और छह लाख से अधिक शिक्षकों के साथ जनसंख्या के मामले में यूपी सबसे बड़ा राज्य होने के कारण, समय पर उपस्थिति बहुत आवश्यक है। इसका उद्देश्य स्कूलों में शिक्षकों की समय की पाबंदी सुनिश्चित करना है जो बच्चों के लिए समय की पाबंदी के बारे में एक उदाहरण स्थापित करेगा। अब आधे घंटे की मोहलत भी दी गई है। आशा है कि अगले एक सप्ताह या एक पखवाड़े के भीतर शिक्षकों की उपस्थिति में और सुधार होगा।

कि शिक्षकों का विरोध शत-प्रतिशत सफल रहा। अपने इस विरोध से शिक्षकों ने विभाग को आईना दिखाने का काम किया है। वहीं शिक्षकों का कहना है कि अभी बारिश

का मौसम चल रहा है। कभी-कभी सुबह तेज बारिश होती है और रास्तों में पानी भर जाता है। कई जगह तो रास्ते कट जाते हैं तो कहीं-कहीं सड़क पर पेड़ टूट कर गिर जाते हैं। ऐसे में यदि शिक्षक फंस जाता है और एक मिनट भी देरी से पहुंचता है तो वह अनुपस्थित

माना जाएगा। ऐसे ही जाड़े के दिनों में घना कोहरा होने पर स्कूलों में पहुंचने में थोड़ी देरी हो सकती है। इसके अलावा शिक्षक नेताओं द्वारा यह भी कहा जा रहा है कि ग्रामीण क्षेत्रों में बहुत से विद्यालयों में समय से बिजली नहीं आती। ज्यादातर विद्यालयों में हमेशा अच्छा नेटवर्क नहीं आता। बरसात के इस मौसम में तमाम जिलों में स्कूल पानी से भरे हुए हैं, सरकार पहले विद्यालयों मे मूलभूत सुविधाएं प्रदान करे।

Government appealed for cooperation on online attendance

MK Shanmuga Sundaram, Principal Secretary, Basic Education Department, has said that digital presence is a basic requirement in every office. This is being followed in schools of many states across the country. With UP being the largest state in terms of population with 1.34 lakh schools and more than six lakh teachers, timely attendance is very essential. Its objective is to ensure punctuality of teachers in schools which will set an example for children about punctuality. Now half an hour's time has also been given. It is hoped that within the next week or fortnight there will be further improvement in the attendance of teachers.
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