स्रोत: समाचार पत्र , बोर्ड , संबंधित विभाग
तारीख: 12 सितंबर 2024
शिक्षा के क्षेत्र में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए सरकारी शिक्षक भर्ती एक महत्वपूर्ण विषय है। विशेष रूप से टीजीटी (ट्रेंड ग्रेजुएट टीचर) और पीजीटी (पोस्ट ग्रेजुएट टीचर) भर्ती 2024 को लेकर हाल के दिनों में बड़ी चर्चा हो रही है। उत्तर प्रदेश में शिक्षक भर्ती को लेकर छात्रों द्वारा बड़े पैमाने पर आंदोलन किए जा रहे हैं, जिनमें रिक्त पदों को भरने और नई भर्तियों के विज्ञापन जारी करने की मांग की जा रही है। इस लेख में हम उन मुख्य खबरों पर विस्तार से बात करेंगे, जो विद्यार्थियों के करियर और उनकी परीक्षा की तैयारी को सीधे प्रभावित कर रही हैं।

1. टीजीटी और पीजीटी भर्ती आंदोलन: 25,000 रिक्त पदों को जोड़ने की मांग
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में टीजीटी और पीजीटी शिक्षक भर्ती 2024 को लेकर एक बड़ा आंदोलन देखा गया। इस प्रदर्शन में हजारों छात्र और शिक्षक शामिल हुए, जिन्होंने मांग की कि 2022 के पुराने विज्ञापन में 25,000 अतिरिक्त रिक्त पदों को जोड़ा जाए। प्रदर्शन कर रहे छात्रों का कहना है कि जब 2022 में विज्ञापन निकला था, तब पर्याप्त पदों का उल्लेख नहीं किया गया था, लेकिन अब नई रिक्तियों को भी उसी विज्ञापन में जोड़ा जाना चाहिए।
इस आंदोलन में कई प्रमुख शिक्षक संघ और शिक्षा विशेषज्ञ भी शामिल थे। इनका समर्थन छात्रों को इस आंदोलन में और मजबूती प्रदान कर रहा है। छात्रों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो प्रदेशव्यापी आंदोलन किया जाएगा।
2. प्राथमिक शिक्षक भर्ती पर सरकार का रुख
प्राथमिक शिक्षक भर्ती को लेकर छात्रों के मन में काफी सवाल हैं। समाचारों के अनुसार, अभी तक उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से प्राथमिक शिक्षक भर्ती के लिए कोई प्रस्ताव नहीं आया है। हालांकि, परीक्षा कैलेंडर जारी करने की मांग के साथ, प्राथमिक शिक्षक भर्ती का मुद्दा भी तेजी से उठ रहा है। उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग पर दबाव बढ़ता जा रहा है कि वह जल्द से जल्द परीक्षा कैलेंडर जारी करे और नई भर्तियों की घोषणा करे।
छात्रों का कहना है कि यदि नई भर्तियां जल्द शुरू नहीं होती हैं, तो उनका आंदोलन और तेज होगा। आयोग की नवनियुक्त अध्यक्ष प्रोफेसर कीर्ति पांडे ने बताया कि वे शासन स्तर पर बात कर रही हैं और जल्द ही इस पर कोई ठोस निर्णय लिया जाएगा।

3. असिस्टेंट प्रोफेसर और अन्य शिक्षक भर्ती
असिस्टेंट प्रोफेसर और अन्य शिक्षक भर्तियों को लेकर भी छात्र आंदोलित हैं। अशासकीय महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद लंबे समय से रिक्त हैं, जिनकी भर्ती प्रक्रिया 2022 में शुरू की गई थी। इन भर्तियों में अब तक कोई ठोस प्रगति नहीं हुई है, जिससे छात्रों में नाराजगी है।
टीजीटी और पीजीटी भर्ती 2024 के लिए भी आयोग को अभी तक कोई नई अधियाचन प्राप्त नहीं हुआ है, जिससे इस भर्ती प्रक्रिया में देरी हो रही है।
4. उत्तर प्रदेश में माध्यमिक शिक्षा की स्थिति
उत्तर प्रदेश के कई राजकीय और एडेड माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों के पद काफी समय से रिक्त पड़े हैं। लखनऊ के कई प्रमुख विद्यालयों में 600 से अधिक शिक्षक पद रिक्त हैं, जिससे छात्रों की पढ़ाई पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। माध्यमिक शिक्षा संघ ने सरकार से इन पदों को जल्द से जल्द भरने की मांग की है।
2021 में लगभग 5000 पदों के लिए शिक्षक भर्ती का विज्ञापन निकला था, लेकिन अभी तक परीक्षा आयोजित नहीं की गई है। इसके साथ ही, शिक्षकों की सेवा सुरक्षा धारा 21 को भी बहाल करने की मांग उठाई गई है।

5. परीक्षा कैलेंडर और आयोग पर दबाव
उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग पर वर्ष 2024 का परीक्षा कैलेंडर जारी करने का दबाव बढ़ता जा रहा है। छात्रों की मांग है कि न केवल लंबित भर्तियों को शामिल किया जाए, बल्कि प्राथमिक शिक्षक भर्ती और अन्य नई भर्तियों का विज्ञापन भी जारी किया जाए।
अगर केवल पुरानी भर्तियों को कैलेंडर में शामिल किया जाता है, तो छात्रों का आंदोलन और तेज हो सकता है। आयोग की अध्यक्ष प्रोफेसर कीर्ति पांडे ने इस मुद्दे पर शासन से चर्चा की है और जल्द ही कोई निर्णय आने की संभावना है।
6. छात्र आंदोलन और आगे की रणनीति
छात्र संगठनों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही शिक्षक भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं की गई, तो वे प्रदेशव्यापी आंदोलन करेंगे। युवा मंच के नेतृत्व में कई छात्र संगठनों ने इस आंदोलन को और बड़ा करने की योजना बनाई है।
छात्रों का कहना है कि 2022 के बाद से जो भी रिक्त पद हैं, उन्हें जल्द से जल्द भरा जाना चाहिए और परीक्षा का आयोजन किया जाना चाहिए।

7. यूपी ट्रिपल एससी रिजल्ट और अन्य सूचनाएं
यूपी ट्रिपल एससी द्वारा जारी किए गए रिजल्ट को लेकर भी छात्रों में काफी उत्साह है। 1953 पदों के लिए चयनित अभ्यर्थियों की सूची जारी की गई है। इसके साथ ही, राज्य के 57 जिलों में अटल आवासी विद्यालय खोलने की योजना भी घोषित की गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह ऐलान किया है कि 18 आवासीय विद्यालयों के बाद अब 57 जिलों में कंपोजिट विद्यालय के रूप में और भी विद्यालय खोले जाएंगे।
शिक्षक भर्ती और परीक्षा कैलेंडर को लेकर उत्तर प्रदेश में छात्रों और शिक्षकों के बीच आंदोलन तेज होता जा रहा है। छात्रों की मांगें वाजिब हैं, क्योंकि लंबे समय से रिक्त पदों पर भर्तियां नहीं हो रही हैं और नई भर्तियों की प्रक्रिया भी धीमी गति से चल रही है।
आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर और भी महत्वपूर्ण निर्णय सामने आ सकते हैं। यदि सरकार और आयोग जल्द ही इन मुद्दों पर कार्रवाई नहीं करते हैं, तो प्रदेशभर में छात्र आंदोलन और बड़े स्तर पर हो सकता है।
विद्यार्थियों को सलाह दी जाती है कि वे इन आंदोलनों और भर्तियों से जुड़ी सूचनाओं पर नजर बनाए रखें और सरकारी घोषणाओं का इंतजार करें।