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विकास दिव्यकीर्ति: यूपीएससी सफलता की कहानी और एक प्रेरक यात्रा

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विकास दिव्यकीर्ति कौन हैं?

विकास दिव्यकीर्ति एक प्रसिद्ध शिक्षक, लेखक, और लोकप्रिय यूट्यूबर हैं। उन्होंने सिविल सेवा परीक्षाओं के लिए लाखों उम्मीदवारों को गाइड किया है। लेकिन आज जो Vikas Divyakirti हम जानते हैं, वह हमेशा से ऐसे नहीं थे। उनकी जिंदगी में एक महत्वपूर्ण मोड़ आया जिसने उनकी दिशा और मंजिल दोनों बदल दी।

विकास दिव्यकीर्ति का शैक्षणिक जीवन

विकास दिव्यकीर्ति की कॉलेज लाइफ बेहद दिलचस्प रही है। उन्होंने अपनी इंटरमीडिएट में कॉमर्स लिया क्योंकि वे साइंस से दूर होना चाहते थे। ग्रेजुएशन के दौरान उन्होंने हिस्ट्री ऑनर्स लिया, लेकिन इसे छोड़कर हिंदी में एमए करने का निर्णय लिया। हिन्दू कॉलेज से एमए के दौरान ही उन्होंने यूपीएससी की तैयारी शुरू की।

UPSC की तैयारी और सफलता

1994-95 के दौरान, जब वे हिन्दू कॉलेज से हिंदी में एमए कर रहे थे, उन्होंने यूपीएससी की तैयारी शुरू की। उन्होंने बताया कि ग्रेजुएशन के बाद उन्हें इतिहास पढ़ने में रूचि नहीं थी, इसलिए उन्होंने इसे छोड़ दिया। लेकिन डिबेटिंग में उनकी रुचि और बिना ज्यादा पढ़ाई के डिबेट जीतने की उनकी स्किल ने उन्हें यूपीएससी की तैयारी में मदद की।

यूपीएससी की यात्रा

विकास दिव्यकीर्ति ने 1996 में अपने पहले प्रयास में यूपीएससी परीक्षा क्रैक की। लेकिन सेंट्रल सेक्रेटेरियट में नौकरी करने के बावजूद, उन्होंने एक साल के भीतर ही यह नौकरी छोड़ दी। इसके बाद उन्होंने यूपीएससी उम्मीदवारों को मार्गदर्शन देने का निर्णय लिया और पढ़ाना शुरू कर दिया।

दृष्टि IAS की स्थापना

1999 में, विकास दिव्यकीर्ति ने अपने संस्थान दृष्टि IAS की स्थापना की। यह संस्थान आज तक लाखों उम्मीदवारों को सिविल सेवा परीक्षाओं की तैयारी करवा रहा है। विकास दिव्यकीर्ति अपने सहज और प्रभावी तरीके से पढ़ाने के लिए जाने जाते हैं। उनके लेक्चर्स सिर्फ सिविल सेवा के उम्मीदवारों को ही नहीं, बल्कि हर उस व्यक्ति को प्रभावित करते हैं जो जीवन में कुछ नया सीखना चाहता है।

कॉलेज जीवन

विकास दिव्यकीर्ति की कॉलेज जीवन भी काफी रोचक रही है। उन्होंने 12वीं में कॉमर्स लिया क्योंकि उन्हें साइंस छोड़ना था। इसके बाद ग्रेजुएशन में इतिहास विषय को चुना लेकिन बाद में इसे छोड़ दिया क्योंकि उन्हें पढ़ने में रुचि नहीं थी। उन्होंने एमए हिंदी में किया और हिन्दू कॉलेज से अपनी पढ़ाई पूरी की।

एक शिक्षक का सफर

यूपीएससी की परीक्षा पास करने के बाद, विकास दिव्यकीर्ति ने सेंट्रल सेक्रेटेरियट की नौकरी छोड़कर शिक्षा के क्षेत्र में कदम रखा। 1999 में ‘दृष्टि IAS’ की स्थापना की और तब से लेकर आज तक वे इस संस्थान में पढ़ा रहे हैं। उनके पढ़ाने का सहज और सुंदर तरीका विद्यार्थियों के बीच बेहद लोकप्रिय है। वे न केवल यूपीएससी, बल्कि पैरेंटिंग, रिलेशनशिप और लाइफ स्किल्स पर भी सुंदर बातें बेहद सहज तरीके से समझाते हैं।

डिबेटिंग का शौक

विकास दिव्यकीर्ति को डिबेटिंग का शौक था और वे बिना ज्यादा पढ़े डिबेट जीतने की कला में माहिर थे। यह उनके आत्मविश्वास और तर्कशक्ति का प्रमाण है।

अगर यूपीएससी नहीं होते तो क्या करते?

ANI के एक इंटरव्यू में, विकास दिव्यकीर्ति ने खुलासा किया कि अगर वह यूपीएससी की दुनिया में नहीं होते, तो वे शायद एक शिक्षक या लेखक होते। उनके अनुसार, उन्हें पढ़ाने और लिखने में हमेशा से रुचि रही है और यही उनके जीवन का मुख्य उद्देश्य है।

जीवन पर प्रभाव

विकास दिव्यकीर्ति की कहानी हमें यह सिखाती है कि अगर आपके पास दृढ़ संकल्प और सही दिशा हो, तो आप किसी भी चुनौती को पार कर सकते हैं। उनकी प्रेरक यात्रा न केवल यूपीएससी उम्मीदवारों के लिए, बल्कि हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणा है जो जीवन में सफलता प्राप्त करना चाहता है।

निष्कर्ष

विकास दिव्यकीर्ति की यूपीएससी की सफलता की कहानी हमें यह बताती है कि कड़ी मेहनत, सही मार्गदर्शन और आत्मविश्वास के साथ किसी भी लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। उनकी जीवन यात्रा एक उदाहरण है कि अगर हम अपने सपनों का पीछा करें और अपने रास्ते में आने वाली चुनौतियों का सामना करें, तो हम निश्चित रूप से सफलता की ऊंचाइयों को छू सकते हैं।

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