नई दिल्ली, विशेष संवाददाता। शीर्ष अदालत ने नीट में पूछे गए एक सवाल का सही जवाब तलाशने के लिए सोमवार को आईआईटी दिल्ली के गठित करने को कहा है। अदालत ने समिति को मंगलवार दोपहर 12 बजे तक सही जवाब के बारे में रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। मंगलवार को भी मामले की सुनवाई जारी रहेगी।
नीट-यूजी में अनियमितता के आरोपों से जुड़ी याचिकाओं पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने 720 में से 711 अंक पाने वाली छात्रा की ओर से पेश दलीलों पर संज्ञान लेते हुए आईआईटी को आदेश दिया। पीठ को बताया गया कि परीक्षा में ‘परमाणु और उसकी विशेषताओं से संबंधित एक प्रश्न के दो सही उत्तर थे और परीक्षार्थियों के एक समूह, जिन्होंने दो सही उत्तरों में से एक विशेष उत्तर दिया था, उन्हें चार अंक दिए गए।
याचिकाकर्ता वंशिका यादव की ओर से पीठ को बताया गया कि एनटीए द्वारा जारी मानकों के हिसाब से सही उत्तर चुनने पर सफल उम्मीदवारों की अंतिम मेधा सूची पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा। इसके बाद पीठ ने आईआईटी दिल्ली के निदेशक को समिति बनाने और मंगलवार दोपहर 12 बजे तक सही जवाब की रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल के समक्ष पेश करने को कहा है। सत्र के पहले दिन सोमवार को लोकसभा में नीट मुद्दे पर रजोरदार हंगामा हुआ। । लोकसभा में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के बीच नीट मुद्दे पर तीखी नोकझोंक हुई। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि भारतीय परीक्षा प्रणाली फ्रॉड है। उन्होंने नीट में कथित अनियमितता का मुद्दा उठाते हुए कहा कि करोड़ों छात्र बेहद चिंतित हैं। छात्रों को इस बात का यकीन हो गया है कि जिसके पास पैसा है, वह पूरी प्रणाली को खरीद सकता है। यही भावना विपक्ष की है। अखिलेश यादव ने कहा कि शिक्षा मंत्री के रहते छात्रों को न्याय नहीं मिलेगा

■ राहुल ने भारतीय परीक्षा प्रणाली को फ्रॉड बताया
■ प्रधान बोले, इस प्रणाली को बकवास कहना दुर्भाग्यपूर्ण
■ अखिलेश बोले, शिक्षा मंत्री के रहते न्याय नहीं मिलेगा
कहा कि नेता प्रतिपक्ष का परीक्षा प्रणाली को बकवास कहना दुर्भाग्यपूर्ण है। विपक्ष ने सात साल में 70 पेपर लीक का आरोप लगाया। इसपर सरकार ने कहा कि सात वर्षों में पेपर लीक का कोई सबूत नहीं है। विपक्ष के इस्तीफे की मांग को खारिज करते हुए प्रधान ने कहा कि उन्हें किसी से प्रमाणपत्र नहीं चाहिए।