प्रयागराज: उत्तर प्रदेश और बिहार के युवाओं के लिए सरकारी नौकरियों में रोजगार के अवसर तेजी से बढ़े हैं। विशेषकर SSC Bharti (कर्मचारी चयन आयोग) की परीक्षाओं ने पिछले तीन वर्षों में इन राज्यों के लाखों बेरोजगार युवाओं को एक मजबूत भविष्य की दिशा में आगे बढ़ाया है। एसएससी की विभिन्न परीक्षाओं के माध्यम से यूपी और बिहार के 68,281 युवाओं को Sarkari Naukari (सरकारी नौकरी) मिली है। यह आंकड़ा तब और भी अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है जब इसमें CAPF Selection (सेंट्रल आम्र्ड पुलिस फोर्स) और Delhi Police Constable की भर्तियों को शामिल नहीं किया गया है। यदि इन भर्तियों को भी जोड़ा जाए, तो यह संख्या और भी अधिक हो सकती है।
यह स्थिति तब और भी खास हो जाती है, जब उत्तर प्रदेश में सबसे बड़ा भर्ती आयोग Lok Seva Aayog (लोक सेवा आयोग) पेपर लीक जैसी समस्याओं से जूझ रहा है। भर्ती प्रक्रियाओं को पारदर्शी बनाने के लिए Lok Seva Aayog कई सुधारात्मक कदम उठा रहा है। इस बीच, एसएससी जैसी केंद्रीय भर्ती संस्था बेरोजगार युवाओं के लिए एक भरोसेमंद विकल्प बन गई है।
SSC Bharti की महत्वपूर्ण भूमिका
एसएससी (कर्मचारी चयन आयोग) का मुख्य कार्य केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों, विभागों और सरकारी कार्यालयों में रिक्त पदों को भरना है। SSC CGL (संयुक्त स्नातक स्तरीय) और SSC CHSL (संयुक्त हायर सेकेंडरी स्तरीय) परीक्षाएं एसएससी की सबसे प्रमुख और लोकप्रिय परीक्षाओं में से हैं। इन दोनों परीक्षाओं के माध्यम से सबसे अधिक चयन होते हैं। यूपी और बिहार के युवाओं में इन परीक्षाओं के प्रति जबरदस्त रुचि देखी जा रही है, क्योंकि इन राज्यों में Sarkari Naukari पाना युवाओं का प्रमुख सपना होता है।
एसएससी की भर्ती परीक्षाओं की बढ़ती सफलता दर ने इसे युवाओं के लिए एक प्रमुख Employment Opportunity (रोजगार का अवसर) बना दिया है। यूपी-बिहार के हजारों युवा हर साल इन परीक्षाओं के माध्यम से सरकारी नौकरियों में चयनित हो रहे हैं। खासकर उन युवाओं के लिए, जिनके पास अन्य निजी क्षेत्र में नौकरियों के सीमित विकल्प हैं, एसएससी भर्ती परीक्षाएं सरकारी नौकरी पाने का एक मजबूत माध्यम साबित हो रही हैं।
तीन साल में तीन गुना बढ़ी भर्तियां
यदि हम पिछले आठ वर्षों के आंकड़ों पर नजर डालें, तो यह साफ नजर आता है कि एसएससी ने इन तीन सालों में रोजगार के अवसरों को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वर्ष 2016-17 से 2020-21 तक, छह वित्तीय वर्षों में 26,303 युवाओं को सरकारी नौकरी मिली थी। लेकिन 2021-22 से 2023-24 तक, यानी तीन वर्षों में यह संख्या तीन गुना से भी अधिक बढ़कर 68,281 हो गई।
विशेष रूप से, वर्ष 2021-22 और 2022-23 के दौरान 35,000 से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी मिली। 2023-24 में अब तक 33,075 अभ्यर्थियों का चयन हुआ है, जो एसएससी भर्तियों में यूपी-बिहार के युवाओं की भागीदारी और उनकी सफलता को दर्शाता है। इन तीन वर्षों में, एसएससी ने रोजगार के अवसरों में न केवल वृद्धि की है, बल्कि यूपी और बिहार के युवाओं को सरकार के विभिन्न Sarkari Departments (सरकारी विभागों) में महत्वपूर्ण भूमिकाएं सौंपी हैं।
आवेदन और चयन का तुलनात्मक विश्लेषण
यदि हम इन आठ वर्षों के दौरान हुए आवेदन और चयन की संख्या की तुलना करें, तो यह स्पष्ट होता है कि Yuva Employment (युवाओं के रोजगार) के लिए एसएससी एक महत्वपूर्ण माध्यम बन गया है। यूपी और बिहार से 60 करोड़ से अधिक युवाओं ने एसएससी की विभिन्न भर्तियों के लिए आवेदन किया, जिनमें से 96,831 युवाओं को नौकरी मिली। यह आंकड़ा दर्शाता है कि कितनी बड़ी संख्या में युवा Sarkari Naukari के लिए प्रयासरत हैं।
वर्ष 2022-23 में, एसएससी ने 28 भर्तियों के माध्यम से 17,930 युवाओं का चयन किया, जबकि 2023-24 में अब तक 23 भर्तियों के जरिए 33,075 युवाओं को नौकरी मिली है। यूपी और बिहार के युवाओं की एसएससी में भागीदारी काफी अधिक है, और यही कारण है कि इन दोनों राज्यों के युवाओं के लिए एसएससी Naukari पाने का एक प्रमुख जरिया बन गया है।
MTS Recruitment और Halvadar Bharti में भी बढ़ी भागीदारी
हाल ही में शुरू हुई MTS Recruitment (मल्टी-टास्किंग स्टाफ) और Halvadar Bharti (हवलदार भर्ती) में भी यूपी और बिहार के युवाओं का दबदबा देखा गया है। 30 सितंबर 2024 से शुरू हुई इन भर्तियों में देशभर में पंजीकृत 57,44,713 अभ्यर्थियों में से 17,93,680 अभ्यर्थी केवल यूपी और बिहार से हैं। यह आंकड़ा कुल पंजीकृत अभ्यर्थियों का 31.22 प्रतिशत है, जो इन दोनों राज्यों के युवाओं के लिए एसएससी भर्तियों की महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाता है।
भविष्य की संभावनाएं और चुनौतियां
भले ही पिछले तीन वर्षों में यूपी और बिहार के युवाओं को एसएससी के माध्यम से बड़ी संख्या में नौकरियां मिली हैं, लेकिन चुनौतियां अभी भी कम नहीं हैं। आवेदन करने वाले लाखों युवाओं में से कुछ ही Sarkari Naukari पा पाते हैं, जिससे प्रतियोगिता की दर काफी अधिक हो जाती है। सही Exam Preparation (परीक्षा की तैयारी) और मार्गदर्शन की आवश्यकता होती है, ताकि अभ्यर्थी सफलता की ओर बढ़ सकें।
इसके अलावा, Lok Seva Aayog जैसी राज्य स्तरीय भर्ती संस्थाओं में पेपर लीक और पारदर्शिता की समस्याओं ने युवाओं का विश्वास कमजोर किया है। इस स्थिति में, एसएससी जैसी केंद्रीय भर्ती संस्थाएं, जो अपेक्षाकृत अधिक पारदर्शी और निष्पक्ष मानी जाती हैं, युवाओं के लिए एक महत्वपूर्ण सहारा बनती हैं। हालांकि, एसएससी की भी अपनी चुनौतियां हैं। आवेदन की संख्या बढ़ती जा रही है, और प्रतियोगी परीक्षाओं की कठिनाई भी। इसके साथ ही, कई बार भर्ती प्रक्रिया में देरी भी युवाओं को निराश करती है।
सही दिशा में प्रयास और मार्गदर्शन
एसएससी भर्तियों में सफलता के लिए युवाओं को उचित Exam Preparation और Career Guidance की आवश्यकता होती है। प्रतिस्पर्धा बहुत कड़ी है, लेकिन सही दिशा में प्रयास करने वाले युवा निश्चित रूप से सफलता हासिल कर सकते हैं। Sarkari Yojana (सरकारी योजनाओं) के तहत विभिन्न प्रशिक्षण और मार्गदर्शन कार्यक्रमों से भी युवाओं को मदद मिल सकती है। इसके अलावा, समय के साथ SSC भर्ती परीक्षाओं में सुधार और पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए किए गए कदम युवाओं के लिए और भी अधिक सकारात्मक परिणाम ला सकते हैं।
कुल मिलाकर, पिछले तीन वर्षों में यूपी और बिहार के युवाओं के लिए SSC Bharti (कर्मचारी चयन आयोग) की परीक्षाओं ने रोजगार के अवसरों को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। Sarkari Naukari (सरकारी नौकरी) पाने के लिए यह प्रक्रिया युवाओं के लिए एक सुरक्षित और विश्वसनीय विकल्प बन गई है। हालाँकि, चुनौतियां अभी भी बनी हुई हैं, लेकिन यदि सही दिशा में मेहनत की जाए और Competitive Exams की बेहतर तैयारी की जाए, तो युवाओं के लिए सफलता की संभावनाएं और बढ़ सकती हैं।