अमर उजाला
लखनऊ, 27 अगस्त: राजकीय विद्यालयों की अनुपयोगी भूमि का बेहतर इस्तेमाल
राजकीय इंटर कॉलेजों और हाईस्कूलों की खाली पड़ी भूमि का अब बेहतर उपयोग किया जाएगा। उत्तर प्रदेश सरकार ने एक अनोखी पहल की है जिसमें इन भूमि का उपयोग न केवल विद्यार्थियों की प्रतिभा निखारने के लिए किया जाएगा, बल्कि इसे अतिरिक्त आय के साधन के रूप में भी इस्तेमाल किया जाएगा। सरकार ने यह निर्णय किया है कि इन विद्यालयों की खाली भूमि पर लाइब्रेरी, खेल मैदान और स्टेडियम का निर्माण किया जाएगा। इस प्रस्ताव को कैबिनेट द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई है।
विद्यार्थियों के विकास में सहायक होगी यह पहल
इस प्रस्ताव के अनुसार, अब विद्यालयों की खाली भूमि पर माध्यमिक शिक्षा विभाग के साथ-साथ अन्य विभाग भी पाठ्येतर गतिविधियों के लिए निर्माण कार्य कर सकेंगे। इससे संबंधित विभाग को अतिरिक्त आय भी होगी। जैसे कि खेल विभाग द्वारा राजकीय विद्यालयों की भूमि पर स्टेडियम का निर्माण कराया जाएगा तो यह उस विद्यालय के छात्रों की प्रतिभा निखारने में सहायक होगा। इस स्टेडियम का उपयोग करने के लिए विद्यार्थियों से कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा, जिससे उनकी शिक्षा और खेल के प्रति रुचि बढ़ेगी।
अतिरिक्त आय के साधन
अगर कोई अन्य संस्था इस स्टेडियम का उपयोग करती है, तो उसे इसका शुल्क देना होगा। इससे जो भी आय होगी, उसका 50 प्रतिशत हिस्सा संबंधित विद्यालय को मिलेगा और शेष 50 प्रतिशत खेल विभाग को प्राप्त होगा। यह योजना न केवल छात्रों के विकास के लिए फायदेमंद होगी, बल्कि इससे विद्यालयों और विभागों के लिए अतिरिक्त आय का स्रोत भी तैयार होगा।
कैबिनेट के अन्य महत्वपूर्ण निर्णय
इस कैबिनेट बैठक में कई अन्य महत्वपूर्ण निर्णय भी लिए गए हैं। जैसे कि:
- डाटा सेंटर के लिए बिजली का प्रावधान: अब डाटा सेंटर के लिए दो अलग-अलग स्रोतों से बिजली की आपूर्ति की जाएगी। आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग के इस प्रस्ताव को भी मंजूरी मिल गई है।
- संस्कृत विद्यालयों में छात्रवृत्ति बढ़ोतरी: संस्कृत को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से, योगी सरकार ने संस्कृत विद्यालयों के छात्रों की छात्रवृत्ति में बढ़ोतरी का निर्णय लिया है। कुछ कक्षाओं में यह बढ़ोतरी ढाई गुना तक की गई है।
- पर्यटक आवास गृहों का निजीकरण: पर्यटक आवास गृहों को निजी हाथों में सौंपने का निर्णय लिया गया है। इन आवास गृहों के पट्टे की अवधि को पांच से बढ़ाकर 15 वर्ष किया गया है और इसे और 15 वर्षों के लिए बढ़ाया जा सकेगा।
- गंगा एक्सप्रेसवे के लिए वित्तीय स्वीकृति: महाकुंभ से पहले गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण पूरा करने के लिए 5664 करोड़ रुपये की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की गई है।
- डिजिटल मीडिया विज्ञापन नीति: उत्तर प्रदेश सरकार ने डिजिटल मीडिया पर विज्ञापन जारी करने के लिए एक नई नीति को मंजूरी दी है। इस नीति के तहत, डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को उनके सब्सक्राइबर्स और फॉलोअर्स के आधार पर चार श्रेणियों में वर्गीकृत किया जाएगा।
निष्कर्ष
इस योजना से न केवल विद्यालयों के छात्रों को उनकी प्रतिभा निखारने का अवसर मिलेगा, बल्कि इससे संबंधित विभागों को भी अतिरिक्त आय प्राप्त होगी। यह पहल उत्तर प्रदेश सरकार की दूरदर्शी सोच को दर्शाती है, जो छात्रों के विकास के साथ-साथ संसाधनों के बेहतर उपयोग और आय सृजन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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