तकनीकों में एक मजबूत आधार प्रदान करके खाद्य प्रौद्योगिकी डेयरी उद्योग की नौकरियों में मदद कर सकती है। इस ज्ञान को उत्पाद विकास, गुणवत्ता नियंत्रण और खाद्य सुरक्षा प्रबंधन जैसी भूमिकाओं में लागू किया जा सकता है। खाद्य प्रौद्योगिकी को समझने से उत्पादन दक्षता में सुधार, उत्पाद की उपज में वृद्धि और उद्योग के नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करने में भी मदद मिल सकती है।
सामान्य योग्यताएं: बी.एससी (खाद्य प्रौद्योगिकी), बी.टेक (खाद्य प्रौद्योगिकी), बी.ई. (खाद्य प्रौद्योगिकी), बीई (खाद्य इंजीनियरिंग), बी.टेक (खाद्य प्रसंस्करण), बी.एससी (खाद्य सुरक्षा और प्रौद्योगिकी) आदि।
खाद्य प्रौद्योगिकी शिक्षण से संबद्ध प्रमुख भारतीय कॉलेज
• भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटीज)
• राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी उद्यमिता और प्रबंधन संस्थान (निफ्टेम), दिल्ली
• एमआईटी कला, डिजाइन और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, महाराष्ट्र
• हरकोट बटलर तकनीकी विश्वविद्यालय, कानपुर
• भारतीय खाद्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान
• राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी संस्थान
• लक्ष्मीनारायण प्रौद्योगिकी संस्थान, नागपुर
• जामिया हमदर्द यूनिवर्सिटी, दिल्ली
• गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय, दिल्ली
• गलगोटिया विश्वविद्यालय, नोएडा
• लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी, चंडीगढ़
पाठ्यक्रम
निम्न तालिका उन विविध विषयों को स्पष्ट करती है जिनसे आप खाद्य प्रौद्योगिकी में डिग्री या डिप्लोमा में अध्ययन करने की उम्मीद कर सकते हैं:
• खाद्य माइक्रोबायोलॉजी
• एंजाइम प्रौद्योगिकी
• खाद्य रोग-मुक्तता और स्वच्छता
• पोषण और स्वास्थ्य
• खाद्य प्रसंस्करण
• खाद्य संयंत्र लेआउट और डिजाइन
• कानून और गुणवत्ता आश्वासन
• खाद्य प्रसंस्करण में इकाई संचालन
• खाद्य और सब्जी प्रसंस्करण
• संयंत्र इंजीनियरी
• समुद्री भोजन और डेयरी प्रौद्योगिकी
• अनुप्रयुक्त खाद्य जैव प्रौद्योगिकी
• फसल प्रसंस्करण प्रौद्योगिकी
• मांस और कुक्कुट प्रसंस्करण प्रौद्योगिकी
• खाद्य योजक
• मिष्ठान प्रौद्योगिकी
• किण्वित दुग्ध उत्पाद
• खाद्य विश्लेषण
• पैकेजिंग प्रौद्योगिकी
• उत्पाद डिजाइन और विकास
• खाद्य प्रौद्योगिकी पाठ्यक्रम: लोकप्रिय विकल्प
खाद्य प्रौद्योगिकी में उच्च अध्ययन
मास्टर स्तर पर, आप न केवल खाद्य प्रौद्योगिकी पाठ्यक्रमों में मुख्य विषयों का अध्ययन करेंगे बल्कि किसी क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए वैकल्पिक या एकाग्रता का चयन भी करना होगा। नीचे कुछ लोकप्रिय विकल्प दिए गए हैं:
• न्यूट्रास्यूटिकल्स
• पैकेजिंग और संबंधित प्रौद्योगिकी
• खाद्य संवेदी विज्ञान
• खाद्य प्रौद्योगिकी और सुरक्षा
• खाद्य प्रोटीन रसायन
• गुणवत्ता प्रबंधन
• बायोकेमिकल इंजीनियरी
• डेयरी उत्पाद और प्रौद्योगिकी
• फेब्रिकेटिड और टेक्सचर्ड खाद्य पदार्थ
• स्वास्थ्य डेटा विश्लेषण
• कृषि व्यवसाय प्रबंधन
• स्वाद प्रौद्योगिकी
डॉक्टरेट स्तर के पाठ्यक्रम
• खाद्य प्रौद्योगिकी में पीएच.डी
• खाद्य इंजीनियरी और प्रौद्योगिकी में पीएच.डी
• खाद्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी में पीएच.डी
• खाद्य और डेयरी प्रौद्योगिकी में पीएच.डी
• खाद्य जैव प्रौद्योगिकी में पीएच.डी
• कृषि और खाद्य सुरक्षा में पीएचडी
प्रमुख भारतीय डेयरी कंपनियों की सूची
• अमूल
• मदर डेयरी
• केरल सहकारी दुग्ध विपणन संघ लिमिटेड (एमआईएलएमए)
• पराग मिल्क फूड्स लिमिटेड
• श्राइबर डायनामिक्स डेयरीज लिमिटेड
• मेहसाणा जिला सहकारी दुग्ध उत्पादक संघ लिमिटेड (दूधसागर डेयरी)
• कर्नाटक को-ऑपरेटिव मिल्क प्रोड्यूसर्स फेडरेशन लिमिटेड (नंदिनी)
• तमिलनाडु को-ऑपरेटिव मिल्क प्रोड्यूसर्स फेडरेशन लिमिटेड
• क्रीमलाइन डेयरी प्रोडक्ट्स लिमिटेड (जर्सी डेयरी)
• आंध्र प्रदेश डेयरी डेवलपमेंट कोआपरेटिव फेडरेशन लिमिटेड।
डेयरी क्षेत्र में रोजगार के अवसरों में वृद्धि की संभावनाएं
इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी), एडवांस्ड एनालिटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) जैसी नई तकनीकों ने डेयरी व्यवसायों के संचालन को डिजिटल बनाने, दूध की बर्बादी कम करने, दूध उत्पादन में सुधार करने, अंतिम छोर तक संभार तंत्र ढांचा विकसित करने, पशुओं के स्वास्थ्य की निगरानी करने, दूध उत्पादन में विसंगतियों का पता लगाने और मौसम की स्थिति की भविष्यवाणी करने, आदि कार्यों में मदद की है। डेयरी उद्योग में प्रौद्योगिकी की भूमिका का विस्तार हुआ है जिससे ग्रामीण स्तर पर दूध की संरचना के परीक्षण या स्वचालित दूध संग्रह से लेकर दूध की एयर-लिफ्टिंग तक, और यांत्रिक डेयरी संयंत्र संचालन और कुल दूध गुणवत्ता मापदंडों का आकलन करने जैसे कार्य इसके दायरे में आ गए हैं। इसके अलावा, तकनीक को अपनाने से गाय दूध देने के लिए तैयार है या नहीं, यह पता लगाने के लिए सेंसर जैसे अभिनव समाधान, रोबोट दुग्ध मशीन, उत्पाद खोज के लिए ब्लॉकचेन, मवेशियों की निगरानी और ड्रोन जैसे प्रयोग इस क्षेत्र में देखे गए हैं।
इसके अलावा, कोविड-19 महामारी के बाद, स्वास्थ्य और तंदुरूस्ती उपभोक्ताओं के लिए प्राथमिक फोकस बन गया है। आजकल, उपभोक्ता खाद्य उत्पादों, विशेष रूप से डेयरी उत्पादों की स्वच्छता, गुणवत्ता, सुरक्षा के बारे में चिंतित हैं। नतीजतन, प्रोबायोटिक्स जैसे उच्च पोषण मूल्य वाले उत्पादों की मांग बढ़ने की उम्मीद है। इसके अतिरिक्त, पर्यावरण के अनुकूल और सुविधाजनक पैकेजिंग भी डेयरी उद्योग के लिए एक आवश्यक मानदंड बन गया है। इसके अलावा, ई-कॉमर्स ने डेयरी उद्योग के लिए उपभोक्ताओं से सीधे जुड़ने के अवसर भी पैदा किए हैं। इसकी विशाल क्षमता को महसूस करते हुए, सरकार, शिक्षा जगत, उद्योग और निजी संगठन डेयरी उद्योग को फलने-फूलने और इसे एक सफल कैरियर संभावना के रूप में बढ़ावा देने के लिए एक सकारात्मक वातावरण को बढ़ावा देने के लिए मिल कर काम कर रहे हैं।