किसानों की aay badhane और khadya suraksha सुनिश्चित करने के लिए भारत सरकार ने दो महत्वपूर्ण योजनाओं को हरी झंडी दिखाई है। इन योजनाओं का लक्ष्य देश की krishi vyavastha को सुदृढ़ करना और किसानों की आय में सुधार लाना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में Pradhanmantri Rashtriya Krishi Vikas Yojana (PM-RKVY) और Krishonnati Yojana को मंजूरी दी गई। इन दोनों योजनाओं पर सरकार कुल 1,01,321.61 करोड़ रुपये खर्च करेगी।
पीएम-आरकेवीवाई और कृषोन्नति योजना का महत्व
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जानकारी देते हुए बताया कि PM-RKVY का उद्देश्य sustainable agriculture को बढ़ावा देना है। यह योजना किसानों को नवीनतम कृषि तकनीकों से लैस करेगी और krishi utpadan में वृद्धि का माध्यम बनेगी। वहीं, Krishonnati Yojana का लक्ष्य khadya suraksha और krishi atmanirbharta प्राप्त करना है, जो कि देश को खाद्यान्न उत्पादन में मजबूती प्रदान करेगा।
इन दोनों योजनाओं में कुल नौ अलग-अलग उप-योजनाएं सम्मिलित हैं, जो कृषि क्षेत्र के विभिन्न हिस्सों को मजबूती देने का काम करेंगी। इनमें krishi vikas और किसानों की समृद्धि से लेकर khadya tel utpadan जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्र शामिल हैं।
सरकार ने इन योजनाओं के तहत Krishi aur Kisan Kalyan Vibhag के केंद्रीय हिस्से के लिए 69,088.98 करोड़ रुपये का आवंटन किया है। इसमें राज्यों का हिस्सा 32,232.63 करोड़ रुपये है। PM-RKVY के लिए 57,074.72 करोड़ रुपये और Krishonnati Yojana के लिए 44,246.89 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। ये दोनों योजनाएं rajya karyanvit yojana के रूप में कार्यान्वित की जाएंगी, जिनसे ग्रामीण इलाकों में विकास और समृद्धि का रास्ता साफ होगा।
खाद्य तेल उत्पादन को बढ़ावा: राष्ट्रीय मिशन ऑयलसीड्स
भारत के khadya tel utpadan को बढ़ाने के लिए कैबिनेट ने Rashtriya Mission Oilseeds को भी मंजूरी दी है। इस मिशन पर 10,103 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे, जिसका लक्ष्य अगले 7 वर्षों में tailhan utpadan में आत्मनिर्भरता हासिल करना है। इस मिशन के तहत 2031 तक khadya tel utpadan को 1.27 करोड़ टन से बढ़ाकर 2 करोड़ टन किया जाएगा।
यह योजना कृषि आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है। देश में बढ़ती khadya tel की मांग को देखते हुए, इस मिशन का उद्देश्य घरेलू उत्पादन को मजबूत करना और आयात पर निर्भरता को कम करना है। इससे किसानों को अधिक आय प्राप्त होगी और देश की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित होगी।
रेल कर्मियों के लिए बड़ा तोहफा: 78 दिन का बोनस
त्योहारी सीजन के दौरान, rail karmiyon के लिए एक अच्छी खबर आई है। केंद्रीय कैबिनेट ने 78 din ka bonus देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है, जिससे 11,72,240 rail karmiyon को फायदा होगा।
इस निर्णय से सरकार पर 2028.57 करोड़ रुपये का व्यय होगा, और प्रत्येक कर्मी को अधिकतम 17,951 रुपये का बोनस प्राप्त होगा। यह बोनस न केवल rail karmiyon की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करेगा, बल्कि त्योहारी समय में उनकी क्रय शक्ति को भी बढ़ाएगा, जिससे बाजार में उपभोक्ता मांग में वृद्धि होगी।
मराठी, असमिया, बांग्ला को मिला शास्त्रीय भाषा का दर्जा
कैबिनेट ने मराठी, असमिया, बांग्ला, पाली, और प्राकृत को shastriya bhasha का दर्जा देने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी है। इन भाषाओं को शास्त्रीय दर्जा मिलने से उन्हें संरक्षित करने और उनके प्रचार-प्रसार के लिए और भी कदम उठाए जाएंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पाली और प्राकृत भारतीय संस्कृति की नींव हैं और इन भाषाओं को बढ़ावा देना हमारी सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने का माध्यम है। शास्त्रीय भाषाएं हमारी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पहचान का प्रतिनिधित्व करती हैं, और इन्हें संरक्षित करना आने वाली पीढ़ियों के लिए महत्वपूर्ण है।
पश्चिम एशिया में युद्ध की स्थिति पर कैबिनेट की चर्चा
कैबिनेट बैठक के दौरान Paschim Asia mein yudh की स्थिति पर भी गंभीर चर्चा की गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने suraksha mamlon ki cabinet committee के साथ बैठक कर इस स्थिति का विश्लेषण किया।
इस बैठक में युद्ध के कारण व्यापार और पेट्रोलियम उत्पादों की आपूर्ति पर पड़ने वाले असर पर विशेष रूप से चर्चा की गई। भारत सरकार ने सभी पक्षों से संयम बरतने की अपील की है और क्षेत्र में शांति स्थापित करने की दिशा में योगदान देने की इच्छा जताई है।
योजनाओं का व्यापक प्रभाव
सरकार के इन निर्णयों से देश के विभिन्न क्षेत्रों में सकारात्मक प्रभाव देखने को मिलेगा। एक तरफ जहां किसान आर्थिक रूप से मजबूत होंगे, वहीं rail karmiyon के लिए bonus की घोषणा उनके मनोबल को बढ़ाएगी। साथ ही, मराठी, असमिया, और बांग्ला जैसी भाषाओं को shastriya bhasha का दर्जा मिलने से देश की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने में मदद मिलेगी।
Krishi yojnaon के सफल कार्यान्वयन से देश में खाद्यान्न उत्पादन में वृद्धि होगी, जिससे khadya suraksha को भी मजबूती मिलेगी। इन योजनाओं का उद्देश्य भारत को कृषि के क्षेत्र में atmanirbhar बनाना और देश की krishi vyavastha को वैश्विक मानकों के अनुरूप बनाना है।