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किसानों को एक लाख करोड़, रेलकर्मियों को बोनस: कैबिनेट के अहम फैसले

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में गुरुवार को आयोजित केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में किसानों और रेलवे कर्मचारियों के लिए कई महत्वपूर्ण फैसलों को मंजूरी दी गई। इन फैसलों के तहत किसानों के लिए 1 लाख करोड़ रुपये की सहायता राशि और रेलवे कर्मचारियों के लिए 78 दिनों का प्रोडक्टिविटी लिंक्ड बोनस (पीएलबी) देने की घोषणा की गई। इस बैठक में कृषि, रेलवे, खाद्य तेल उत्पादन और बंदरगाह कर्मचारियों के लिए कई योजनाओं को मंजूरी मिली।

कृषि योजनाओं के लिए 1.01 लाख करोड़ का पैकेज

किसानों के लिए यह बैठक बड़ी राहत लेकर आई, जहां सरकार ने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (पीएम-आरकेवीवाई) और कृषोन्नति योजना को हरी झंडी दी। केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस फैसले की जानकारी देते हुए बताया कि कृषि से जुड़ी इन दोनों योजनाओं पर कुल 1,01,321.61 करोड़ रुपये का खर्च किया जाएगा। इस योजना का उद्देश्य किसानों की आय में वृद्धि करना और कृषि उत्पादन को सुदृढ़ करना है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस योजना की सराहना करते हुए कहा कि इससे अन्नदाताओं को आत्मनिर्भर बनने का मौका मिलेगा और देश की खाद्य सुरक्षा को और मजबूती मिलेगी। सरकार की इन योजनाओं के तहत किसानों के लिए कई महत्वपूर्ण बिंदुओं को कवर किया गया है, जिसमें उनकी आय बढ़ाने और कृषि क्षेत्र में सुधार के प्रयास शामिल हैं।

रेलवे कर्मचारियों को बोनस का तोहफा

केंद्रीय कैबिनेट ने रेलवे कर्मचारियों के लिए दीपावली के मौके पर 78 दिनों के बोनस की घोषणा की है। इस बोनस के तहत सरकार 2028.57 करोड़ रुपये खर्च करेगी, जिससे 11 लाख 72 हजार 240 गैर-राजपत्रित रेलवे कर्मचारियों को लाभ मिलेगा।

बोनस की राशि 78 दिनों के वेतन के आधार पर तय की गई है, जिसमें प्रत्येक कर्मचारी को 17951 रुपये की राशि प्राप्त होगी। यह बोनस लोको पायलट, ट्रैक मेंटेनेंस स्टाफ, ट्रेन मैनेजर (गार्ड), स्टेशन मास्टर, सुपरवाइजर, टेक्नीशियन, तकनीकी सहायक और अन्य स्तर के कर्मचारियों को मिलेगा।

इस फैसले से रेलवे कर्मचारियों में खुशी का माहौल है, क्योंकि इससे उनकी आर्थिक स्थिति को बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा, सरकार के इस कदम से कर्मचारी अपनी कार्यक्षमता को और बेहतर कर सकेंगे।

खाद्य तेलों पर राष्ट्रीय मिशन को मंजूरी

केंद्रीय कैबिनेट ने खाद्य तेलों के उत्पादन को बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय खाद्य तेल-तिलहन मिशन को भी मंजूरी दी है। इस योजना के तहत 10,103 करोड़ रुपये का खर्च अगले सात वर्षों में किया जाएगा, जिसका उद्देश्य भारत को तिलहन उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाना है।

सरकार ने 2024-25 से 2030-31 तक के लिए इस योजना का खाका तैयार किया है, जिससे तिलहन उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा और देश की खाद्य सुरक्षा को मजबूती मिलेगी। इस योजना से न सिर्फ खाद्य तेलों के उत्पादन में वृद्धि होगी, बल्कि किसानों की आय में भी वृद्धि होगी।

बंदरगाह कर्मचारियों के लिए भी राहत

केंद्रीय कैबिनेट ने प्रमुख बंदरगाहों और डॉक श्रम बोर्ड के कर्मचारियों के लिए भी मौजूदा उत्पादकता से जुड़े पुरस्कार (पीएलआर) योजना में संशोधन की मंजूरी दी है। इस योजना से लगभग 20,704 पोर्ट प्राधिकरण और डॉक श्रम बोर्ड के कर्मचारियों को लाभ मिलेगा।

इस योजना के तहत 198 करोड़ रुपये का खर्च किया जाएगा और बोनस का भुगतान वार्षिक आधार पर किया जाएगा। इससे बंदरगाह और डॉक श्रमिकों की कार्यक्षमता में सुधार की संभावना है, जिससे देश के बंदरगाह और परिवहन क्षेत्र को मजबूती मिलेगी।

प्रधानमंत्री का कृषि क्षेत्र पर जोर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों के लिए इन योजनाओं की घोषणा करते हुए कहा कि देश के अन्नदाताओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री राष्ट्रीय कृषि विकास योजना और कृषोन्नति योजना के माध्यम से किसानों की आय में वृद्धि और खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करने की दिशा में सरकार का यह बड़ा कदम है।

मोदी ने कहा कि ये योजनाएं किसानों के जीवनस्तर को सुधारने के लिए एक मजबूत आधार प्रदान करेंगी और कृषि क्षेत्र में नवाचार और विकास के लिए नए अवसर खोलेंगी।

रेलवे कर्मचारियों के लिए सरकार का समर्थन

केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि सरकार ने रेलवे कर्मचारियों के लिए बोनस की घोषणा करते हुए उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण को मान्यता दी है।

रेलवे कर्मचारियों का योगदान भारतीय रेल व्यवस्था की रीढ़ है, और सरकार ने उनकी उत्पादकता और सेवाओं की सराहना करते हुए उन्हें बोनस देने का निर्णय लिया है। यह कदम कर्मचारियों को प्रोत्साहित करेगा और रेलवे के कामकाज को और बेहतर बनाने में मदद करेगा।

इस तरह, केंद्रीय कैबिनेट के इन फैसलों से किसानों और रेलवे कर्मचारियों के जीवन में सकारात्मक बदलाव आने की उम्मीद है। सरकार की योजनाओं का उद्देश्य देश के विभिन्न क्षेत्रों में आर्थिक सुधार और विकास को बढ़ावा देना है, जिससे नागरिकों को प्रत्यक्ष लाभ पहुंचे।

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