इलाहाबाद विश्वविद्यालय ने क्रेडिट बेस्ड च्वॉइस सिस्टम (सीबीसीएस) में महत्वपूर्ण परिवर्तन किए हैं। अब, यदि कोई छात्र दो साल लगातार फेल होता है, तो उसे पाठ्यक्रम से बाहर कर दिया जाएगा। यह निर्णय परीक्षा कमेटी, एकेडमिक काउंसिल और कार्यकारी परिषद द्वारा अनुमोदित किया गया है।नए नियमों के तहत, सेमेस्टर पाठ्यक्रमों में अंकों के निर्धारण की प्रक्रिया में भी बदलाव किया गया है। पहले, अंकों की गणना सीजीपीए से 9.5 के गुणा से होती थी, जबकि अब इसे 10 से गुणा किया जाएगा। इसके अलावा, कॉपियों का मूल्यांकन केवल पेपर सेटर द्वारा नहीं होगा; अधिक उत्तर पुस्तिकाओं के मामले में अन्य परीक्षकों की सहायता ली जाएगी।स्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए 41,760 छात्रों ने पंजीकरण कराया है, और यह संख्या 30 जुलाई तक बढ़ने की संभावना है। विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर संशोधित सीबीसीएस की कॉपी अपलोड कर दी गई है, जिससे छात्रों को नई व्यवस्था की जानकारी मिलेगी।
संशोधित सीबीसीएस के तहत इलाहाबाद विश्वविद्यालय में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं:
- कोर्स से बाहर होना: यदि कोई छात्र दो साल लगातार फेल होता है, तो उसे पाठ्यक्रम से बाहर कर दिया जाएगा।
- अंकों का निर्धारण: सेशनल और एंड सेमेस्टर में अंकों के निर्धारण की प्रक्रिया में बदलाव किया गया है।
- मूल्यांकन प्रक्रिया: कॉपियों का मूल्यांकन केवल पेपर सेटर द्वारा नहीं होगा; अधिक उत्तर पुस्तिकाओं के मामले में अन्य परीक्षकों की मदद ली जा सकेगी।
- अंकों की गणना: पहले अंकों की गणना सीजीपीए से 9.5 के गुणा से होती थी, अब इसे 10 से गुणा किया जाएगा.
संशोधित सीबीसीएस के तहत इलाहाबाद विश्वविद्यालय में नई परीक्षा नियंत्रण व्यवस्था में निम्नलिखित बदलाव किए गए हैं:
- फेल होने पर निष्कासन: यदि कोई छात्र दो साल लगातार फेल होता है, तो उसे पाठ्यक्रम से बाहर कर दिया जाएगा।
- अंकों का निर्धारण: सेशनल और एंड सेमेस्टर में अंकों के निर्धारण की प्रक्रिया में बदलाव किया गया है।
- मूल्यांकन प्रक्रिया: कॉपियों का मूल्यांकन केवल पेपर सेटर द्वारा नहीं होगा; अधिक उत्तर पुस्तिकाओं के मामले में अन्य परीक्षकों की मदद ली जा सकेगी।
- अंकों की गणना: अंकों की गणना अब सीजीपीए से 10 के गुणा से की जाएगी, जो पहले 9.5 के गुणा से होती थी.
संशोधित सीबीसीएस के तहत इलाहाबाद विश्वविद्यालय ने छात्रों के लिए कुछ नई सुविधाएं उपलब्ध कराई हैं:
- अंकों की गणना में बदलाव: अंकों की गणना अब सीजीपीए से 10 के गुणा से की जाएगी, जो पहले 9.5 के गुणा से होती थी। यह छात्रों को अधिक अंक प्राप्त करने में मदद करेगा।
- मूल्यांकन प्रक्रिया में लचीलापन: कॉपियों का मूल्यांकन केवल पेपर सेटर द्वारा नहीं होगा; अधिक उत्तर पुस्तिकाओं के मामले में अन्य परीक्षकों की मदद ली जा सकेगी। यह परीक्षा प्रक्रिया को तेज करने में मदद करेगा।
- अकादमिक गतिविधियों में भागीदारी: छात्रों को अकादमिक गतिविधियों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा, क्योंकि उन्हें इन गतिविधियों में प्राप्त अंक अब उनके मूल्यांकन में शामिल किए जाएंगे।
- कौशल विकास पर ध्यान: संशोधित सीबीसीएस छात्रों को कौशल आधारित शिक्षा प्राप्त करने में मदद करेगा, जिससे वे अपने ग्रेड के साथ-साथ कौशल के लिए भी अधिगम के परिणाम प्राप्त कर सकेंगे।