1. सफलता का रहस्य – सुकरात
एक बार एक व्यक्ति ने महान दार्शनिक सुकरात से पूछा कि “सफलता का रहस्य क्या है?” सुकरात ने उसे अगले दिन नदी के पास मिलने के लिए कहा। जब वह व्यक्ति नदी में पहुंचा, तो सुकरात ने उसे पानी में उतरने को कहा। जैसे ही वह पानी में गया, सुकरात ने उसका मुंह पानी में डुबो दिया। व्यक्ति ने संघर्ष करते हुए बाहर निकलने की कोशिश की। जब सुकरात ने उसे छोड़ा, उसने तेजी से सांस ली। सुकरात ने पूछा, “जब तुम पानी में थे, तो तुम क्या चाहते थे?” व्यक्ति ने कहा, “सांस लेना चाहता था।” सुकरात ने कहा, “जब तुम सफलता को उतनी ही तीव्रता से चाहोगे, जितनी तीव्रता से तुम सांस लेना चाहते थे, तब तुम सफल हो जाओगे।”
मंत्र: “सफलता के लिए तीव्र इच्छा होना अनिवार्य है।”
2. अभ्यास का महत्त्व
प्राचीन समय में विद्यार्थी गुरुकुल में रहकर शिक्षा ग्रहण करते थे। वरदराज नामक एक छात्र बहुत ही कमजोर था और गुरुजी की बातें समझ नहीं पाता था। उसके साथी आगे बढ़ गए, लेकिन वह नहीं। गुरुजी ने उसे घर जाने को कहा। रास्ते में वरदराज ने देखा कि रस्सी के आने-जाने से पत्थर पर निशान बन गए थे। उसने सोचा कि जब रस्सी पत्थर पर निशान बना सकती है, तो निरंतर अभ्यास से मैं भी विद्या ग्रहण कर सकता हूँ। वह वापस गुरुकुल गया और अथक मेहनत की। आगे चलकर वह संस्कृत व्याकरण का महान विद्वान बना।
मंत्र: “निरंतर अभ्यास से असंभव भी संभव हो सकता है।”
3. अभिनव बिंद्रा: जिद और जुनून ने दिलाया गोल्ड
अभिनव बिंद्रा ने ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतकर भारत का मान बढ़ाया। उन्होंने एथेन्स ओलंपिक में पदक न जीतने के बाद बीजिंग ओलंपिक के लिए कड़ी मेहनत की। जब बाकी खिलाड़ी आराम कर रहे थे, तब बिंद्रा जिम में अभ्यास कर रहे थे। उन्होंने खुद के लिए प्राइवेट कोच, फिजियो और पादकलॉजिस्ट नियुक्त किया। उनकी मेहनत और जुनून ने उन्हें ओलंपिक गोल्ड मेडल दिलाया।
मंत्र: “जिद और जुनून से हर लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है।”
4. भारत रत्न डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का जीवन संघर्ष और प्रेरणा का प्रतीक है। उन्होंने बचपन में अखबार बेचे और जीवन में कई चुनौतियों का सामना किया। एयरफोर्स पायलट बनने में असफल होने पर भी उन्होंने हार नहीं मानी और भारत के मिसाइल कार्यक्रम के जनक बने। डॉ. कलाम का जीवन हर नवयुवक के लिए प्रेरणा है, जो असफलताओं से निराश हो जाते हैं।
मंत्र: “असफलता ही सफलता का पहला कदम है।”
5. महान गणितज्ञ रामानुजन: धुन के पक्के
रामानुजन का जन्म एक गरीब परिवार में हुआ था। गणित में उनकी अद्वितीय प्रतिभा थी। आर्थिक कठिनाइयों और बीमारियों के बावजूद उन्होंने अपने गणित के ज्ञान को नहीं छोड़ा। मद्रास में चीफ अकाउंटेंट के ऑफिस में क्लर्क की नौकरी करते हुए भी उन्होंने गणित में रिसर्च किया। अंततः वे ट्रिनिटी कॉलेज कैम्ब्रिज के फेलो बने।
मंत्र: “धुन और मेहनत से ही असली सफलता प्राप्त होती है।”
मोटिवेशनल कोट्स: “सफलता के लिए तीव्र इच्छा होना अनिवार्य है।” “निरंतर अभ्यास से असंभव भी संभव हो सकता है।” “जिद और जुनून से हर लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है।” “असफलता ही सफलता का पहला कदम है।” “धुन और मेहनत से ही असली सफलता प्राप्त होती है।”
इन प्रेरक कहानियों को पढ़कर आपको सफलता की ओर बढ़ने की प्रेरणा मिलेगी। निरंतर अभ्यास, जुनून, धैर्य और कड़ी मेहनत से आप किसी भी लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं।